भाजपा को अब संतों व धार्मिक व्यक्तियों के नाम से समस्या होने लगी,उनका नाम हटाकर पछताएगी भाजपा
छत्तीसगढ़ प्रदेश के तेज तर्रार सक्रीय नेता अंकित बागबाहरा ने बताया कि छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के निकले 10 वीं और 12 वीं के रिजल्ट में स्वामी आत्मानंद स्कूल के बच्चों के प्रदर्शन ने कांग्रेस की भूपेश बघेल जी के नेतृत्व वाली सरकार की सोंच को प्रमाणित कर दिया कि किस प्रकार सरकारी स्कूलों का स्तर भी सुधारा जा सकता है । जबकि आज सांय सांय सरकार इस योजना का नाम बदल कर पीएमश्री करने की योजना बना रही है जो कि दुर्भाग्यजनक है । स्वामी आत्मानंद छत्तीसगढ़ के एक विश्वविख्यात संत और आध्यात्मिक व्यक्ति थे और उनके नाम पर चल रही योजना का नाम बदलने से पता चलता है कि अब भाजपा को संतों और धार्मिक व्यक्तियों से भी दिक्कत होने लगी है.अंकित ने बताया कि स्वामी विवेकानंद का रायपुर से नाता रहा है और इसीलिए स्वामी आत्मानंद ने छत्तीसगढ़ में रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद भावधारा का प्रचार प्रसार करने का फ़ैसला किया था. समाजसेवा को उन्होंने सर्वोच्च प्राथमिकता दी थी. एक समय छत्तीसगढ़ में भीषण सूखा पड़ा था तब उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए एकत्रित दान राशि को सूखा राहत कार्यों में लगाने का फ़ैसला किया था. वे जीवनपर्यंत स्वामी विवेकानंद के ‘दरिद्र नारायण’ की अवधारणा का पालन करते रहे । उनकी जीवनी में लिखा है कि वे आईएएस (तत्कालीन आईसीएस) के लिए चयनित हो गए थे पर जनसेवा के लिए उन्होंने संन्यास का रास्ता चुना. उनके ज्ञान की वजह से दुनिया भर में उन्हें प्रवचन देने के लिए बुलाया जाता था.
अगर भाजपा की सरकार सिर्फ़ इसलिए स्वामी आत्मानंद योजना का नाम बदलना चाहती है क्योंकि यह कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शुरु हुई योजना है तो यह एक आध्यात्मिक विद्वान व्यक्तित्व के बारे में भाजपा के नेताओं की सोच को दर्शाता है. भले ही नाम बदलने की राजनीति भाजपा की विरासत में है पर स्वामी आत्मानंद जी के नाम पर बनी योजना का नाम बदलने से पहले उन्हें विचार कर लेना चाहिए कि इस निर्णय से छत्तीसगढ़ की जनता की भावना किस तरह आहत होगी और भाजपा को बाद में पछताना होगा.
अंकित ने बताया कि ये भी पता चला है कि वर्तमान भाजपा सरकार स्वामी आत्मानंद योजना का नाम बदलकर पीएमश्री योजना करना चाह रही है और इसके लिए दबावपूर्वक सरपंचों व नगरीय क्षेत्र की निर्वाचित समितियों से प्रस्ताव मंगवाया जा रहा है जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा ।।